बरेली का इतिहास बहुत पुराना है और बहुत सारी किस्से और कहानियां अपने आप में समेटे हुए है। बैसे तो बरेली को नाथो की नगरी के रूप में जाना जाता है पर यहा की एक मजार भी बहुत चमत्कारिक है। बरेली की यह मजार आज भी इज्जतनगर स्टेशन के बीच प्लेटफॉर्म पर स्थित है। इस मजार को हटाने की तो बहुत गुस्ताकिया हुई पर कोई इसमे कोई सफल नहीं हो पाया।
कहा स्थित है मजार
अंग्रेजों के ज़माने में यह मजार ट्रेन की पटरियों के बीच में पड़ी रहती थी और यहां पर मीटर गेज बाली ट्रेन चला करती थी। फिर समय बदला और ट्रेन मीटर गेज से ब्रॉड गेज हो गयी पर नहीं बदला तो मजार, मजार जिस जगह अंग्रेजों के ज़माने में थी आज भी बही है। यह मजार बरेली टनकपुर रेलमार्ग के इज़्ज़तनगर रेलवे स्टेशन के बीच प्लेटफॉर्म पर है।
अंग्रेजों ने की हटाने की कोशिश
जब लाइन की पटरियां डाली जा रही थी तब अंग्रेजों ने हटाने का काफी प्रयास किया पर सफल नहीं हो पाए। इतिहास कार बताते है की अंग्रेज दिन में पटरियां बिछबाते थे पर रात में पटरियां अपनी जगह से हट जाती थी। अंग्रेजों ने नौकरों के साथ साथ खुद भी रात को रखबाली की पर पता नहीं कर पाए। अंत में मजार हटाने का ख्याल छोड़ दिया।
भारतीय रेल भी कर चुका है कोशिश
भारतीय रेल भी इस मजार को हटाने के कई बार प्रयास कर चुका है। पर हर बार नाकाम साबित हुआ है। जब इस लाइन को मीटर गेज से ब्रॉड गेज किया जा रहा था तब भी इसे हटाने के बहुत प्रयास हुआ पर सफलता नहीं मिली। जब भी मजार को हटाने की कोशिश हुई कोई न कोई समस्या खड़ी हो गयी।